Pyar ka Bukhar - 1 in Hindi Love Stories by बैरागी दिलीप दास books and stories PDF | प्यार का बुख़ार - 1

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प्यार का बुख़ार - 1


जीवन के नाज़ुक मोड़ पर खड़ी थी उसकी ज़िंदगी। उम्र ने उसे कई चुनौतियों का सामना करना सिखाया था, परंतु जो उसे सबसे ज़्यादा छू गया था, वह था प्यार का बुख़ार। उसके दिल में अदा-ए-मोहब्बत की चुभन थी, जो उसे हर पल बार-बार याद दिलाती थी कि वह एक सच्चे प्यार की तलाश में है।

उसके नज़दीकी दोस्तों का कहना था कि प्यार एक ख़तरनाक बीमारी है, जो इंसान को नष्ट कर देती है, लेकिन उसे यह ख़तरा भलीभांति पता था। प्यार की जड़ों में उसे खुशी का एहसास होता था, जो उसे कहीं और नहीं मिल सकता था। उसके दिल की धड़कन उसे प्यार की ओर ले जा रही थी, उसे ख़ुद को प्यार में खो जाने की ख्वाहिश होती थी।

उसे बचपन से ही शायरी और कविताओं का दीवाना होने का शौक था। हर बात पर उसके होंठों से शेर बह जाते थे और कभी-कभी तो उसकी अंग्रेज़ी कविताएँ उसे दिल की गहराइयों तक छू जाती थीं। वह जानती थी कि उसकी कला उसकी मासूमियत को छूने का सबसे सुंदर तरीक़ा है।

एक दिन, वह अपनी दिलकश कविताओं को लेकर अपने दिल की भावनाओं को अक्सर शब्दों में पिरोते रहने के बारे में सोच रही थी। वह अपनी इंतज़ार में बैठी थी, ताकि उसकी अदा-ए-मोहब्बत किसी को छू जाए। उसे अहसास हो रहा था कि उसकी दुनिया में कुछ बदल रहा है, ज़िंदगी की रौशनी में कुछ नया हो रहा है।

उसी दिन, उसके जीवन में एक व्यक्ति आया, जिसने उसे अपनी पहली मुलाक़ात में ही दिल के कई सवालों का जवाब दिया। उसकी आँखों में एक अनोखी चमक थी, जो उसे खिंच लाई और उसे एक नई दुनिया के दरवाज़े तक पहुँचा दी। उसका हृदय धड़क रहा था, उसे प्यार का एहसास ज़ाहिर हो रहा था।

वे दोनों आँखों में एक-दूसरे के साथ खो गए। प्यार का बुख़ार दोनों को महसूस हो रहा था, ज़िंदगी के हर पल में उनके बीच एक अनोखी गर्माहट महसूस हो रही थी। शब्दों की ज़रूरत नहीं थी, उनके बीच की प्यार से दिल की अनुभूति ही काफी थी।

उनका प्यार वादियों को महका रहा था, सूरज को उनकी मुस्कान ने बहका रहा था। ज़मीन को उनके पैरों की छुओटी खुशबू से भर दी गई थी। प्यार ज़ाहिर होने के बावजूद, उनके बीच का रिश्ता एक मायावी बुख़ार की तरह था। वह एक दूसरे को ढूंढ़ रहे थे, अपने इंटरनल दर्पण में अपना आवास ढूंढ़ रहे थे।

प्यार की इंतेहा थी, ज़िंदगी की सबसे महत्वपूर्ण कहानी थी। उन्होंने एक दूसरे को प्यार की राहों में खो दिया था। जब वे साथ होते थे, सब कुछ एक फ़िल्म की तरह दिखाई देता था, संगीत हर कोई कुछ गाने लगता था। उनकी दुनिया में बस वो दो ही मौजूद थे, बाकी सब अजनबी।

ज़िंदगी का प्यार का बुख़ार उनकी कहानी में धड़क रहा था। उनकी अदा-ए-मोहब्बत ज़िंदगी के आगे नए रंग घोल रही थी। वे अपनी ज़िंदगी के सबसे सुंदर बारीकीओं को महसूस कर रहे थे, उनकी आंखों के सामने एक नया सपना आ गया था।

प्यार का बुख़ार ज़िंदगी की राहों में उनको ले जा रहा था, नई उमंगों के दरवाज़े खोल रहा था। वे साथी थे, प्यार की यात्रा में एक दूसरे का संग थे।

ज़िंदगी ने उन्हें एक नई मोड़ पर ले जाने का फ़ैसला किया था, प्यार का बुख़ार था जो उन्हें जीने का नया अंदाज़ सिखा रहा था। उनकी कविताएँ अब प्यार की कविताएँ थीं, उनके दिल की धड़कनें प्यार की तालों में बदल रही थीं।

अदा-ए-मोहब्बत की ज़िंदगी के हर पन्ने पर लिखी गई थी। उनका प्यार एक बुख़ार की तरह था, जो उन्हें खाकर उनकी ज़िंदगी को रंगीन बना रहा था। वे एक दूसरे के बीना अधूरे थे, प्यार का बुख़ार उन्हें पूरा करने के लिए उन्हें मिलाने की राह में चल रहा था।

इस पहले अध्याय में, अदा-ए-मोहब्बत की एक कविता की गंभीरता उन्हें दिला चुकी थी। प्यार की राहों में उनकी प्रगति का एक आदर्श उदाहरण बन रही थी। वे दोनों प्यार के आगे झुके हुए थे, प्यार का बुख़ार जीवन की रौशनी था, जो उनकी ख्वाहिशों को पूरा कर रहा था।